क्रिकेट पिच की जानकारी | क्रिकेट पिच की लंबाई | cricket pitch ki lambai kitni hoti hai

नमस्कार दोस्तों, क्रिकेट में हमें अलग-अलग तरह के पिच देखने को मिलता हैं, तो चलिए आज बात करते हैं, क्रिकेट पिच के बारे में – 

क्रिकेट पिच की जानकारी

क्रिकेट पिच क्रिकेट मैदान का एक ऐसा जगह हैं जहाँ बल्लेबाजी, गेंदबाजी और विकेटकीपिंग एक साथ होती हैं और यहीं से मैच के ओवर पुरे होते हैं, बल्लेबाजी होती हैं, रन बनते हैं और मैच आगे बढती हैं. 

क्रिकेट के मैदान में पिच एक आत्मा की तरह हैं, पिच के हिसाब से ही बहुत सारे कप्तान मैच की रणनीति तय करते हैं, बल्लेबाज और गेंदबाज भी हमेशा चाहते हैं कि उसके हिसाब से पिच रहें, ताकि उन्हें खेलने में आसानी हो. 

क्रिकेट पिच की लंबाई चौड़ाई कितनी होती हैं | cricket pitch ki lambai kitni hoti hai

Cricket pitch ki lambai kitni hoti hai
Cricket pitch ki lambai kitni hoti hai

क्रिकेट पिच की लम्बाई 66 फीट की होती हैं, जिसे अगर जिसे अगर गज(yard) में देखे तो 22 गज और मीटर में देखे तो 20.12 मीटर हैं. 

  • लंबाई – 66 फीट
  • चौड़ाई 10 फीट

पिच की यह लम्बाई एक स्टम्प से दुसरे स्टम्प की दुरी होती हैं, इसमें जहाँ विकेटकीपर खड़ा रहता हैं, उस जगह को शामिल नहीं किया जाता. 

क्रिकेट पिच कितने कदम की होती हैं | cricket pitch kitne kadam ki hoti hai

एक स्टम्प से दुसरे स्टम्प की दुरी अगर कदम ने नापे तो 26 कदम होते हैं, वहीँ एक क्रीज से दुसरे क्रीज के बीच की दुरी 23 कदम होती हैं. 

  • कदम – 26 कदम

वहीँ क्रिकेट पिच की चौड़ाई 10 फीट की होती हैं, जिसे अगर मीटर में देखे तो 3.05 मीटर होता हैं, वैसे तो क्रिकेट पिच की चौड़ाई ज्यादा होती हैं, लेकिन खेलने के दौरान सिर्फ 10 फीट चौड़ाई की जगह का उपयोग किया जाता हैं. 

क्रिकेट पिच में बालिंग क्रीज की लंबाई कितनी होती हैं – 

क्रिकेट पिच में स्टम्प से बालिंग क्रीज की लम्बाई 4 फीट होती हैं, जो मीटर में 1.22 मीटर होती हैं, स्टम्प के आगे और पीछे दोनों तरफ 4 – 4 फीट की लाइन बनायीं जाती हैं. 

स्टम्प से बालिंग क्रीज की लम्बाई 4 फीट होती हैं

रन दौड़ने के दौरान बल्लेबाजों इसी क्रीज को छुना होता हैं, वहीँ अगर गेंदबाजी के दौरान गेंदबाज का पैर इस क्रीज के बाहर चले जाए तो इसे नों गेंद मानी जाती हैं. 

क्रिकेट पिच के सेंटर से बाउंड्री लाइन की दूरी कम से कम कितनी होनी चाहिए?

पुरुष क्रिकेट टीम के लिए ICC द्वारा पिच से बाउंडरी लाइन की अलग-अलग दुरी तय की गई हैं, अगर सीधी बाउंडरी या गोलाकार बाउंड्री हो तो न्यूनतम 64 मीटर (210 फीट) और अधिकतम 82.29 मीटर (270 फीट) हैं.

क्रिकेट पिच के सेंटर से बाउंड्री लाइन की दूरी कम से कम कितनी होनी चाहिए?
क्रिकेट पिच के सेंटर से बाउंड्री लाइन की दूरी

 गोलाकार बाउंड्री पर पिच से बाउंड्री लाइन की दुरी – 

  • न्यूनतम     – 64 मीटर
  • अधिकतम – 82.29 मीटर

वहीँ अगर वर्गाकार बाउंड्री हो तो पिच से बाउंड्री की न्यूनतम दुरी 59.43 मीटर (195 फुट) और अधिकतम 82.29 मीटर (270 फीट) हैं. 

वर्गाकार बाउंड्री पर पिच से बाउंड्री लाइन की दुरी – 

  • न्यूनतम     – 59.43 मीटर
  • अधिकतम – 82.29 मीटर
वर्गाकार बाउंड्री पर पिच से बाउंड्री लाइन की दुरी - 
वर्गाकार बाउंड्री पर पिच से बाउंड्री लाइन की दुरी

महिला क्रिकेट टीम के लिए सीधी बाउंडरी और वर्गाकार दोनों बाउंड्री की दुरी बराबर होती हैं, पिच से बाउंड्री की दुरी न्यूनतम 64 मीटर (210 फीट) और अधिकतम 82.29 मीटर (270 फीट) हैं. 

अलग-अलग कोण के लिए-अलग दुरी होती हैं, स्टम्प के सामने वाली बाउंडरी लाइन ज्यादा दुरी पर और पिच के बीच से बाउंडरी लाइन की दुरी ज्यादा होती हैं. 

उदाहरण – 

  • सिडनी क्रिकेट मैदान ऑस्ट्रेलिया एक सीधी बाउंड्री वाला मैदान हैं, जिसमें पिच से बाउंड्री की दुरी 93.72 मीटर हैं, हालाँकि ये ICC के पैमाने के हिसाब से ज्यादा हैं. 

  • वहीँ मेलबोर्न क्रिकेट मैदान एक वर्गाकार क्रिकेट बाउंड्री हैं, जिसमें पिच से बाउंड्री की दुरी 86.24 मीटर हैं. 

क्रिकेट पिच कितने प्रकार के होते हैं | Types of cricket pitches in Hindi

क्रिकेट पिच 3 प्रकार के होते हैं – 

  1. डेड पिच 
  2. डस्टी पिच
  3. ग्रीन पिच (हरा पिच)

1. डेड पिच (सुखा पिच ) – 

dead pitch in cricket

जैसा कि नाम से ही जाहिर हैं, ये पिच पूरी तरह से सपाट होती हैं और पूरी तरह से सुखी होती हैं, इस पिच पर घास और नमी बिल्कुल भी नहीं होती हैं, इस पिच में हमें दरार देखने को मिलता हैं. 

डेड पिच – पूरी तरह से सपाट और सुखा, नमी और घास बिल्कुल भी नहीं

ये पिच देखने में काले रंग का दिखता हैं, इस तरह के पिच को बल्लेबाजों के लिए बहुत ही उपयुक्त माना जाता हैं, वहीँ गेंदबाजों के लिए यह पिच बहुत ही बुरा होता हैं. 

डेड पिच बल्लेबाजों के लायक होते हैं और इस तरह के पिच में वनडे और टी-20 मैच ज्यादा कराए जाते हैं. 

एशिया के पिच कुछ इसी तरह के हैं, भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और UAE के ज्यादातर पिच डेड पिच होते हैं, इस तरह के पिच में टी-20 और वनडे मैच ज्यादा कराए जाते हैं. 

2. डस्टी पिच (धुलभरा पिच)

dusty pitch in cricket
डस्टी पिच (धुलभरा पिच)

डस्टी पिच मतलब धुलभरा पिच होता हैं, इस पिच में गेंद टप्पा खाने पर हमें धुल उड़ते हुए देखने को मिलता हैं, ये पिच मुलायम होती हैं. 

ये तरह के पिच में भी तेज गेंदबाजों को बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता हैं, वहीँ स्पिन (धीमें) गेंदबाजों को इस पिच में बहुत ज्यादा मदद मिलती हैं, स्पिन गेंदबाजों की आसानी के इस पिच में टर्न (गेंद का घुमाव) मिलती हैं. 

डस्टी पिच में धीमे गेंदबाज और बल्लेबाजों को मदद मिलती हैं, वहीँ तेज गेंदबाजों को दिक्कत होती हैं. 

ये पिच बल्लेबाजों के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद हैं, इस पिच में गेंद टप्पा खाने के बाद धीमे हो जाती हैं, जिससे बल्लेबाज गेंद की दिशा के बारे में आसानी से अनुमान लगा पाते हैं. 

इस तरह के पिचों में टेस्ट मैच कराए जाते हैं. 

इस तरह के पिच भी हमें एशिया में देखने को मिलते हैं, इस तरह के पिच में ज्यादातर टेस्ट मैच खेले जाते हैं.  

3. ग्रीन पिच (हरी पिच) – 

green pitch in cricket
ग्रीन पिच (हरी पिच)

ग्रीन पिच या हरी पिच में हमें घास देखने को मिलते हैं, इस पिच में प्राकृतिक रूप से घास होते हैं, इस पिच में साल भर नमी होती हैं, जिसकी वजह से यह पिच तेज गेंदबाजों के लिए बहुत ज्यादा उपयुक्त होता हैं. 

ग्रीन पिच तेज गेंदबाजों के लिए बहुत ज्यादा उपयुक्त हैं. 

इस पिच में हमें गेंद में कम घर्षण देखने को मिलता हैं, जिसकी वजह से गेंद की स्पीड बरकरार रहती हैं और तेज गेंदबाज जब गेंदबाजी करते हैं उन्हें गेंद में स्विंग मिलता हैं, जो तेज गेंदबाजी के लिए बहुत जरुरी हैं. 

इस तरह के पिच हमें इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में देखने को मिलते हैं.

इस तरह के पिच हमें इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में बहुत ज्यादा देखने को मिलते हैं, ग्रीन पिच घास की बजह से लगातार उनकें घास को काटना पड़ता हैं. 

क्रिकेट पिच बनाने की विधि | How to make cricket pitch in hindi

क्रिकेट पिच बनाने की विधि | How to make cricket pitch in hindi
क्रिकेट पिच बनाने की विधि

क्रिकेट पिच बनाने के लिए मैदान के बीचों-बीच 100 फीट लम्बी और 10 फीट चौड़ी जगह का चूनाव किया जाता हैं और उसके घास को लगातार काटा जाता हैं. 

उस पिच पर पानी डालकर उसको रोलर से दबाया जाता हैं, ताकि पिच उबड़-खाबड़ न हो, उसके बाद दोनों स्टम्प के बीच की दुरी 66 फीट की दुरी तक ज्यादा मेहनत किया जाता हैं, आखिरी में पुरे पिच पर निशान लगाया जाता हैं. 

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