टेस्ट क्रिकेट में फॉलोऑन के नियम | टेस्ट क्रिकेट में फॉलोऑन क्या होता हैं | test cricket me follow on kya hota hai

नमस्कार दोस्तों, टेस्ट क्रिकेट में हमने कई बार कई टीम को फॉलोऑन देते हुए देखा हैं, तो चलिए जानते हैं, टेस्ट क्रिकेट में फॉलोऑन क्या होता हैं ( test cricket me follow on kya hota hai ) – 

टेस्ट क्रिकेट में फॉलोऑन क्या होता हैं | test cricket me follow on kya hota hai

टेस्ट क्रिकेट में फॉलोऑन क्या होता हैं | test cricket me follow on kya hota hai
टेस्ट क्रिकेट में फॉलोऑन क्या होता हैं | test cricket me follow on kya hota hai

फॉलोऑन क्रिकेट के चुनिंदा नियमों में से एक हैं, जिसे आज भी समझ पाना थोड़ा मुश्किल होता हैं, फॉलो का हिंदी में मतलब होता हैं पीछे आना या पालन करें. 

यहाँ पालन से मतलब हैं, पहले पारी में बल्लेबाजी करने वाली टीम, दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने वाली टीम को लगातार तीसरी पारी में भी बल्लेबाजी करने को कहें. 

टेस्ट क्रिकेट में फॉलोऑन का नियम

टेस्ट क्रिकेट में फॉलोऑन क्या होता हैं | test cricket me follow on kya hota hai
टेस्ट क्रिकेट में फॉलोऑन क्या होता हैं | test cricket me follow on kya hota hai

टेस्ट क्रिकेट में कुल 4 पारिया होती हैं, जिसमें से अगर कोई टीम पहली पारी में अच्छे खेलकर बड़ा स्कोर बनाती हैं, उसके बाद दूसरी टीम दूसरी पारी में अच्छा नहीं खेल पाती, 

तो ऐसे में पहली टीम को 200 या 200 से ज्यादा रनों का बढ़त हासिल हो जाता हैं, तो इस स्थिति में पहली टीम, दूसरी टीम को फॉलोऑन नियम के तहत फिर से तीसरी पारी में बल्लेबाजी करने के लिए कह सकती हैं. 

जैसे – अगर टीम A ने पहले बल्लेबाजी करके पहले पारी में 500 रन बनाए, अब टीम B दूसरी पारी में बल्लेबाजी की और सिर्फ 270 रन बनाकर आलआउट हो गई. 

  • पहली पारी
  • टीम A        – 500 रन
  • टीम B        – 270 रन
  • टीम A को बढ़त – 230 रन

अब ऐसे में टीम A को 230 रनों की बढ़त हासिल हो गई, ऐसे में टीम A, टीम B को फॉलोऑन दे सकती हैं, जिसके तहत टीम B को अब तीसरी पारी खेलनी पड़ेगी. 

जिसमें टीम B को टीम A के 230 रनों के बढ़त को ख़त्म करके और ज्यादा रन बनाना पड़ेगा, ताकि टीम A को लक्ष्य दिया जा सके. 

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फॉलोऑन मैच के उदाहरण

हम फॉलोऑन का एक उदाहरण देख लेते हैं, 11 से 15 मार्च 2001 को कोलकाता के मैदान में भारत और आस्ट्रेलिया के बिच टेस्ट मैच हुवा था.

  • तारीख – 11 से 15 मार्च 2001

इस मैच में आस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पहले पारी में 445 रन बनाए, अब भारतीय टीम ने दूसरी पारी में बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 171 रनों पर आलआउट हो गई.

India aur Australia ke bich 11 march 2001 ka follow on match
India aur Australia ke bich 11 march 2001 ka follow on match

अब आस्ट्रेलिया के पास 274 रनों की बढ़त थी, आस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम को फॉलोऑन दिया, अब तीसरी पारी भी भारत को खेलनी थी. 

तीसरी पारी में भारतीय टीम के बल्लेबाजो ने बेहतरीन बल्लेबाजी की और 7 विकेट के नुकसान पर 657 रन बना दिए, इस मैच में VVS लक्ष्मण ने 281 रन और राहुल द्रविड़ ने 180 रन बनाए थे. 

  • VVS लक्ष्मण – 281 रन 
  • राहुल द्रविड़  – 180 रन

इस तरह से आस्ट्रेलिया के 274 रनों के बढ़त को भारतीय टीम ने खत्म किया और आस्ट्रेलिया को 384 रनों का लक्ष्य भी दिया. 

लक्ष्य का पीछा करते हुए आस्ट्रेलियाई टीम सिर्फ 212 रन बनाकर आलआउट हो गई और भारत ने यह मैच 171 रनों से जीत लिया था. 

ज्यादातर फॉलोऑन देने वाले ही टीम की जीत होती हैं, लेकिन इस मैच में भारतीय टीम ने जीत हासिल करके इतिहास रच दिया था. 

क्या फॉलोऑन देना जरुरी हैं – 

फॉलोऑन देना बिल्कुल जरुरी नहीं हैं, ये बढ़त पाने वाली टीम पर निर्भर करता हैं कि उसे फॉलोऑन देना है या नहीं. 

कई बार पहली टीम, दूसरी टीम को फॉलोऑन देकर तीसरी पारी में खेलने के लिए मजबूर करती हैं या फिर कई बार फॉलोऑन ना देकर खुद तीसरी पारी खेलकर अपने रनों के बढ़त को और बढ़ाने की कोशिश करते हैं.  

अगर फॉलोऑन पाने वाली टीम बढ़त जितना रन न बना सके तो क्या होगा – 

मान लीजिये टीम A को 230 रनों की बढ़त हासिल हैं, अब टीम B को फॉलोऑन के तहत तीसरी पारी में बल्लेबाजी कर रहीं हैं और टीम B सिर्फ 200 रनों पर आलआउट हो जाती हैं, तो टीम A का एक पारी और 30 रनों से जीत हो जाएगी. 

कितना सफल हैं फॉलोऑन देना – 

टेस्ट क्रिकेट ज्यादातर फॉलोऑन देने वाले ही टीम की जीत होती हैं, क्योकि एक तो फॉलोऑन देने वाले टीम के पास पहले से बहुत बड़ी बढ़त होती हैं. 

वहीँ अगर फॉलोऑन पाने वाली टीम जैसे-तैसे कर के बढ़त के बराबर रन बना भी लेती हैं, तो लक्ष्य बहुत छोटा दे पाती हैं और उस लक्ष्य को फॉलोऑन देने वाली टीम आसानी से हासिल कर लेती हैं. 

सारांश – टेस्ट क्रिकेट में फॉलोऑन क्या होता हैं

टेस्ट मैच में पहले और दूसरी पारी की बल्लेबाजी पूरी हो जाये और अगर पहले पारी में बल्लेबाजी करने वाली टीम के पास 200 या 200 रनों से ज्यादा का बढ़त हो जाये,

और अगर वो अपने विपक्षी टीम को तीसरी पारी में बल्लेबाजी करने को कहती हैं, इसे ही फॉलोऑन कहते हैं, फॉलोऑन देना या न देना, ये पूरा बढ़त वाली टीम के हाथ में होता हैं.  

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